Hindi kahaniya- Birbal ki khichdi
बीरबल की खिचड़ी -
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हिंदी कहानियाँ के इस पेज में आपको नई पुराने सभी प्रकार की कहानियाँ मिलेगी। इसमें आपको भूत , शेर ,जंगल ,परियो ,जासूसी ,अकबर बीरबल की कहानियाँ , पंचतंत्र की कहानियाँ , जंगल की कहानियाँ ,डरवानी कहानियाँ , नैतिक शिक्षा की कहनियाँ और बच्चों की कहानियां मिलेंगी।
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एक बार एक तेली और कसाई राजा बीरबल के घर पर पूछते है। वहाँ पर बीरबल का सेवक उनसे पूछता है आप लोग कौन है और यहाँ पर क्या कर रहे है।
तभी तैली बोलता है मेरा नाम गंगू है और में यहाँ पर राजा बीरबल से इंसाफ मांगने आया हूँ। सेवक कहता है आप राजदरबार में आये वहां पर राजा बीरबल जी आपको मिलेंगे। परन्तु तैली अभी इंसाफ की जिद करने लगता है।
सेवक राजा बीरबल के पास जाते है और उन्हें सारा किस्सा सुनते है। बीरबल कहते है उन्हें अंदर ले आओ। सेवक दोनों को अंदर ले आता है। बीरबल उनसे पूरी कहानी सुनने को कहते है। तभी उसी समय दरवाजे पर शहंशाह अकबर आ जाते है।
अकबर बीरबल से पूछते है यह दोनों कौन है। बीरबल जवाब में उत्तर देता है हज़ूर में इनसे यही जानने की कोशिश कर रहा था यह लोग कौन है.
बीरबल फिर पूछते है बताओ आप लोग अपनी कहानी। फिर तैली कहता है ,हज़ूर मेरा नाम गंगू तेली है में तेल का व्यापार करता हूँ। आज मेरा व्यापार अच्छा हुआ में अपने घर के लिए जा रहा था तभी रास्ते में इस बामन कसाई ने मुझे बुलाया और तेल माँगने लगा।
मैने इसको तेल दिया और मैंने जब इससे पैसे मांगे तो इसने मुझे एक चांदी का सिक्का पकड़ा दिया। और बदले में खुले रुपया माँगे। मेरा पास अधिक मात्रा में धन था तो इसकी नियत डीग गयी इसने मुझे आराम करने का प्रलोभन दिया। में अपने पैसे रख कर अंदर चला गया वापिस आया तो मेरे पैसे को यह अपने पैसे बताने लग गया। इस लिए हम यह आये है।
बीरबल अब कसाई से पूरी कहानी सुनाने को कहते है कसाई कहता है जनाब यह तेली सुबह मेरा पास आया था कह रहा जनाब मेरी सुबह से बोनी नहीं हुई है आप एक नाप तेल ले ले। मैंने इसपर दया करके १ नाप तेल ले लिया। फिर यह कहने क्या में हाथ मुँह धो सकता हु।
मने इसको मना नहीं किया जब में अंदर से वापिस आ रहा था तो यह मेरी पैसे की पोटली चुरा रहा था।
अकबर, बीरबल से कहते है बीरबल इस समस्या का तुम हल कैसे निकालोगे। नहीं कोई गवाह है ना ही कोई सबूत। बीरबल उतर देते है जनाब एक गवाह है। अकबर पूछते है कौन ,बीरबल कहते है वो पैसो का थैला। अकबर कहते है यह कैसे संभव है। बीरबल कहते है हज़ूर होगा आप बस देखते जाये।
बीरबल अपने सेवक से कहते है एक कटोरी में पानी भर कर लाओ। बीरबल उस पानी सी भरी कटोरी में सारे सिक्के डाल देते है। सिक्को पर तेल लगा होने की वजह से पानी के ऊपर एक तेल की परत आ जाती है.बीरबल कहते है यह पोटली तेली की है। अकबर बीरबल को शाबाशी देता है और कहानी यही समापत हो जाती है।
दोस्तों आपको कसाई और तेली की कहानी कैसी लगी। यह अकबर बीरबल सीरीज़ की सबसे सस्पेंस वाली कहानी है। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट कर के बातये। दोस्तों अगर आपको bollywood story के और health tips के बारे में पढ़ना है तो होम पेज पर जा कर पढ़ सकते है.
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एक बार कुछ लोग जंगल काट रहे थे उन्हें एक कबूतर और उसका बच्चा देख रहा था। कबूतर का बच्चा अपनी माँ से कहता है। माँ यह लोग कौन है और जंगल क्यों काट रहे है. माँ उत्तर देती है ,बेटा यह बादशाह के सिपाही है उनके लिए जंगल में रास्ता बना रहे है.
फिर कबूतर का बच्चा पूछता है। क्या शहंशाह जंगल में जानवरो से मिलने आ रहे है। माँ उतर देती है नहीं,मिलने के लिए नहीं बल्कि उन्हें मरने के लिए।
बच्चा कहता है ,मारने के लिए क्यों। माँ उतर देती है ऐसे ही मस्ती के लिए. बच्चा कहता है यह कैसी मस्ती है यह लोग जानवर जैसा सलूक क्यों करते है. माँ कहती है वो खतरनाक है उन्होंने बहुत सारे जंगल काटे है। मासूम जानवरो को मारा है।
और आज वो फिर आ गए है। बच्चा कहता है माँ हमे सभी को जा के सावधान कर देना चाहिए. फिर दोनों सभी जंगल के प्राणिओ को शहंशाह के आने की खबर देने जाते है।
फिर कबूतर चिलाती है सावधान। शिकारी आ रहे है भाग जाओ सभी अपनी जान बचाओ। कबतूर की चेतावनी सुनकर एक खरगोश दूसरे खरगोश से कहता है। वो हमे को मारने आते है हमने उन्हें कभी नुकसान नहीं पोहचाया।
दूसरा खरगोश कहते है तुम सही कह रहे हो परन्तु अभी सभी अपनी जान बचाओ. अकबर अपने सिपाहीओं के साथ जंगल के अंदर चले आ रहा था।
अकबर बोलता है। आश्चर्य की बात है हमे अभी तक कोई जानवर नहीं दिखयी दिया। एक मंत्री कहता है लगता है सभी जंगल के अंदर चले गए है मालिक।
अकबर कहते है क्या मतलब है तुम्हारा। बीरबल बोलते है शहंशाह हमारे सिपाहीओं ने बहुत सारे पेड़ काट दिए है ताकि आप आसानी से शिकार कर पाए इसलिए यहां से सभी जानवर चले गए है क्योकि जानवरो को घना जंगल पसंद है हज़ूर।
अकबर कहते है हम उन्हें ढूढ़ ही डालेंगे चाहे हमे जंगल में कहि भी जाना पड़े। फिर अकबर अपनी सेना के साथ जंगल के अंदर जाने लगते है। इतने में अकबर और उसकी सेना को बाघ की आवाज सुनाई देती है। सभी उस तरफ जाने लगते है।
वह दूसरी तरफ कबूतर और उसका बच्चा भी बाघ के पास पहुंच जाता है। कबूतर उन्हें शिकारी के बारे में बताता है। बाघ वहां से भाग जाते है।
अकबर बोलते है हमने कोई आवाज भी नहीं की फिर भी बाघ को भाग गए। मंत्री बोलता है हज़ूर शायद कोई उन्हें सतर्क कर रहा है। अकबर बोलते है कौन उन्हें सतर्क कर रहा है। मंत्री कहते है कबूतर , मैने दो कबूतर देखे थे।
फिर मंत्री अकबर से कहते है आप परेशान ना होए मेरा हज़ूर में उन्हें कैद कर लूंगा। फिर अकबर और उनके सैनिक वापिस जाने लगते है।
उन्हें वापिस जाते देख कबूतर निश्चिंत हो जाते है इतने में एक मंत्री उन्हें कैद कर लेता है। वह उन दोनों को अकबर के पास ला जाता है और कहता है इन् दोनों की वजह से आप शिकार से वंचित रहा गए। दोनों कबूतर जोर जोर से आवाज करने लगते है।
अकबर पूछते है यह दोनों इतने जोर से क्यों चिल्ला रहे है। बीरबल कहते है यह हमारी जान के लिए गिड़गिड़ा रहे है यह कह रहे है शहंशाह के राज्य का अंत होने वाला है।
बीरबल कहते है इनकी आवाज ध्यान से सुने यह कह रहे है अगर आप इसी तरह जंगल काटते रहेंगे तो बहुत जल्द वातावरण का विनाश हो जायगा और सभी मनुष्ये मारे जायँगे।
अगर पेड़ इसी रफ़्तार से काटे गए तो जानवर के पास रहने को जगह नहीं बचेगी और वह शहर की तरफ आयंगे। हज़ूर अब आपकी मर्ज़ी है या मोज़ के लिए शिकार करे या राज्य की सुरक्षा देखे
अकबर बीरबल से कहते है तुम चालक ही नहीं बल्कि गहरी सोच रखने वाले हो। आज से हम कभी भी शिकार नहीं खेलेंगे और अपने जंगल को भी हरा भरा करंगे। ऐसा कह के वो दोनों कबूतर को छोड़ देता है।
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रसोये और वेटर की कहानी एक नैतिक शिक्षा की कहानी है। जिसका मुख्य उदेशय सभी व्यक्ति बराबर है यह है. इस कहानी के मुख्य करिदार है मोटू और पतलू।
कहानी शुरू होती है गुरुग्राम के एक छोटे से गांव से। मोटू एक रसोया है व पतलू एक वेटर है. दोनों गुरुग्राम के एक प्रसिद्ध ढाबा राव ढाबा में काम करते है. पतलू एक बहुत ही अच्छा वेटर है और वो ढाबे में आने वाले सभी ग्राहक में बहुत प्रसिद्ध है. उसकी प्रसिद्धि की वजह से ढाबे का मालिक उसको बहुत पसंद करता था और उसको सबकी तुलना में बहुत अच्छे से ट्रीट करता था .
उसी होटल में मोटू भी काम करता था मालिक और ग्राहक बस पतलू की ही तारीफ करते थे इस बात से वह बहुत दुखी होता था. एक दिन मोटू नई चस्मा पहन के आया।
पतलू उसके पास आके बोलता है। में बहुत प्रसिद्ध हु सभी मुझे देखने आते है लड़किया मुझे लाइन देती है। यह चस्मा तू मुझे दे। मोटू कहता है यह मै अपने लिए लाया हु। परन्तु पतलू के सामने मोटू की एक नहीं चलती है वह उसको चस्मा दे देता है.
अगले दिन पतलू वही चस्मा लगा के ग्राहकों के सामने कहना परसोता है लोग उसकी बहुत प्रशंसा करते है. कुछ समय बाद ढाबे का मालिक पतलू को बुला को कहता है. पतलू में तुम्हारे काम से बहुत खुश हूँ तुम्हारी तन्खा 2000 rs बढ़ता हूँ। यह सुनकर मोटू कहता है मालिक में भी इसी ढाबे में 20 साल से काम कर रहा हूँ अपने मेरी तन्खा कभी इतनी नहीं बढ़ई। मोटू बहुत दुखी होता है।
अब कहानी में एक मोड़ आता है मोटू उसी रात अपने कुछ दोस्तों को बुलाता है और पतलू को सबक सिखने का प्लेन बनता है. अगले दिन मोटू एक बहुत ही महंगी घडी पहन कर आता है पतलू उसके पास खाना लेना आता है. मोटू बोलता है पतलू भाई इस घडी को मत लेना मेने ये दुबई से ५००० rs में मंगवाई है.
पतलू कहता है हम दोनों में कौन प्रसिद्ध है में हु ना और बहुत सारि लड़कियाँ मुझे देखने आती है तुम पर यह घडी जम भी नहीं रही एक काम करो यह घडी मुझे दो पैसे में तुम्हे बाद में दे दूंगा।
पतलू मोटू को घडी दे देता है. कुछ समय बाद ढाबे का मालिक आता है मोटू कहता है मालिक आप पतलू को ही पसंद करते है। में अगर कोई छोटी सी भी गलती करूंगा तो आप मुझे निकलने में नहीं झिंगको गे पर पतलू कुछ भी करेगा आप उसे कुछ नहीं कहोगे।
पतलू जल्दी से बोलता है 20 साल का तजुर्बा है कोई गलती नहीं कर सकता मै। मोटू कहता है अगर खाना बनाने में मुझ से कोई गलती हुई तो में अभी नौकरी छोड़ दूंगा पर अगर तुमसे कोई प्लेट गिरी तो तुमको भी नौकरी छोड़नी होगी बोलो मंजूर है. पतलू हां भर देता है
अब कहानी में आगे ,अगले दिन कुछ ग्राहक आते है पतलू उनको खाना देने जाता है उनमे से एक ग्राहक कहता है भाई समय क्या हुआ है पतलू जल्दी से बोलता है भाई तुम्हारी किस्मत अच्छी है तुम्हे में समय एक महंगी घडी से बतऊँगा इतने कहते ही जैसे ही पतलू अपना हाथ घूमता है सारी प्लेट धरती पे गिर जाती है.
ढाबे का मालिक और पतलू दोनों घबरा जाते यही। मोटू कहता है मालिक में पतलू को निकलने के लिए नहीं कहुगा यह सब करने का मेरा मकसद यही था की आप सभी को एक नज़र से देखे। पतलू मोटू से माफ़ी मांगता है और ढाबे का मालिक भी सभी को अब एक सामान व्यव्हार देता है।
दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी आशा करता हु आपको यह कहानी बहुत पसंद आयी होगी। दोस्तों और रोचक कहानी जैसे चुड़ैल की कहानी, शैतानी गुड़िया की कहानी , पांचू के किस्से और वो काली रात पढ़ने के लिया आप मुख्य पेज पर जा कर सकते है.
नमस्ते
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दोस्तों आज में आपको अकबर बीरबल का एक दिलचस्प किस्सा सुनने वाला हूँ। इस किस्से का नाम है जादुई छड़ी। दोस्तों यह किस्सा अकबर बीरबल के किस्से में सबसे ज़्यदा प्रसिद्ध व रोचक माना जाता है।
कहानी शुरू होती है एक साहूकार से उसका नाम था हीरा मल। हीरा मल एक ईमानदार और धनवान व्यक्ति है। एक रात वो अपना सारा धन एक बक्शे में रख कर उसकी चाबी अपनी तकिये के नीचे रख सो गया।
उसी रात एक परछाई आती है और उसका सारा धन चुरा कर ले जाती है। सुबह जब साहूकार उठता है तो उसको संदूक की टूटी हुई चाबी दिखयी देती है वह तुरंत संदूक की जाँच करता है और पता चलता है उसका सारा धन चोरी हो गया है।
वह तुरंत अपने द्वारपाल को बुलता है और पूछता है रात में कोई अनजान व्यक्ति आया था। द्वारपाल जवाब देता है
कोई नहीं आया था हज़ूर
व्यापारी कहता है में लूट गया अब में क्या करूंगा।
द्वारपाल कहता है हज़ूर आप अकबर के दरबार में जा कर इसका इंसाफ मांगे कुछ न कुछ हो जयगा.
अगले दिन व्यापारी अकबर के दरबार में जा कर सारी कहानी सुनता है।
अकबर बीरबल से कहता है बीरबल इस केस का हल तुम निकलो।
बीरबल जवाब देता है हज़ूर आधे घंटे के बाद व्यापारी के सभी नौकरो को यहां पर बुल्ये।
आधे घंटे बाद सभी नौकर राजदबार में एकत्रित हो जाते है।
बीरबल कहते है में तुम सभी को 1 ,1 जादुई छड़ी दूंगा। जो भी गुनहगार होगा उसकी छड़ी २ इंच तक बढ़ जायगी।
अकबर कहते है बीरबल क्या सच्ची में यह छड़ी जादुई है।
बीरबल उत्तर देता है हां ज़नाब यह जादुई छड़ी है मै इनका उपयोग विसेस अवसरों पर करता हु।
अगली सुबह सभी नौकर राजसभा में एकत्रित हो जाते है। बीरबल सभी से छड़ी लेना सुरु करते है। सभी से छड़ी लेने के बाद बीरबल कहते है।
हज़ूर यह दवारपाल है चोर।
बीरबल फिर समझते है हज़ूर यह कोई जादुई छड़ी नहीं है मैंने यह इन्हे इसलिए दी थी मुझे पता था जो भी गुनहगार होगा वो छड़ी को छोटा कर देगा।
द्वारपाल अपनी गलती मान लेता है कहता है हज़ूर मुझे लगा कहि छड़ी बड़ी न हो जाये इसलिए मैंने इसको १ इंच कम कर दिया।
फिर द्वारपाल कहता है हज़ूर मुझे रुपैये की बहुत जयदा जरूरत थी इसलिए मैंने चोरी की ,मैंने एक भी रुपए खर्च नहीं किये में इन्हे वापिस लोटा दूंगा।
व्यापारी अकबर का सुक्रिया अदा करता है ,
अकबर कहते है मेरा नहीं बीरबल का शुक्रिया अदा करे। उन्होने इस केस को हल किया है।
फिर पूरा दरबार में बीरबल की जये जये कार होती है।
दोस्तों आपको अकबर बीरबल की यह कहानी कैसी लगी। दोस्तों इस कहानी से हमे बहुत कुछ सिखने को मिलता है। बीरबल कितने चतुर थे व बिना साबुत होते हुआ भी उन्होंने कैसे चोर को पकड़ लिया। दोस्तों इसके अल्वा अगर आप चुड़ैल की कहानी व शैतानी गुड़िया की कहानी पढ़ना चाहते है तो मैन पेज पर जा कर पढ़ सकते है
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आपका अभिवादन मेरा राजा।
हाँ आप कौन हैं और क्या समस्या है।
महामहिम मेरा नाम गोपाल चंद है मैं बाज़ार में मक्खन बनाता हूँ और बेचता हूँ। लगभग एक महीने पहले मैंने चंदू को कुछ पैसे उधार दिए थे और अब न केवल उसने उसे वापस देने से इंकार कर दिया है बल्कि यह और कह रहा है मेने कभी पैसे उधर ही नहीं लिए.
अकबर बीरबल को बुला के कहता है बीरबल इस मामले को देखो।
बीरबल गोपाल चंद से कहता है
गोपाल चाँद तुम मुझे पूरी कहानी बताओ।
गोपाल चाँद कहता है। महामहिम करीब एक महीने पहले चंदू मल मेरा घर आया था उसने कहा गोपाल चंद मुझे एक नया व्यवसाय करना है उसके लिए मुझे कुछ पैसे उधर चाहिए। गोपाल चंद कहता है तुम मेरा मित्र हो म तुम्हे १०० सोने की मुद्रा उधार देता हु एक महीने बाद मुझे लोटा देना।
गोपाल चंद बताता है एक महीने बाद जब में चंदू मल के पास पैसे वापिस लेने गया तो चंदू मल ने उसे पैसे ही नहीं बल्कि उसने उसको कभी पैसे भी दिए थे ऐसा मानने से इंकार कर दिया।
बीरबल अब चंदू मल से कहता है तुम मुझे पूरी कहानी बताओ
चंदू मल कहता है राजा जी करीब १ महीने पहले गोपाल चंद मेरी दुकान पे आया था वह पर आकर मेरा हाल चाल पूछा और चला गया।
कल अचानक मेरी दुकान पे आके कहता है मैंने तुम्हे १ महीने पहले जो सोने की मुद्रा दी थी मुझे वापिस लोटा दो.
अकबर बीरबल से कहते है बीरबल इस समस्या को तुम सुलझाओ.
बीरबल अपने कक्ष में बेथ कर इस समस्या के बारे में सोच रहे होते है अचानक उनको एक तरकीब सूझती है। वो अपने सेवक को बुलाते है और कहते है। तुम एक काम करो बाजार में जाओ दोनों व्यापारी गोपाल और चंदू की सारी जानकारी निकल के लाओ।
कुछ समय बाद सेवक वापिस आता है और बताता है
बीरबल जी गोपाल चंद बहुत ही ईमानदार किस्म के आदमी है परन्तु वो चंदू मल बहुत ही धृत किस्म का आदमी बतया गया है.
बीरबल अब इस बात को परखने के लिए एक तरकीब बनते है वह २ हांड़ी लेता है और दोनों हांड़ी में एक एक सोना का सिक्का दाल देता है और अपने सेवक से कहते है जो तुम्हे सिक्का वापिस लोटय उसका नाम मुझे बतना।
अगले दिन दरबार में अकबर बीरबल से पूछते है बीरबल इन् दोनों मेसे कौन है अपराधी।
बीरबल बोलते है चंदू मल
अकबर कहते है कैसे
बीरबल जवाब देता है कल मने अपने सेवक से कहा था जो तुम्हे सिक्का वापिस लौटए उसका नाम बतना। राजा जी गोपाल चंद ने वापिस लोट्या इसका मतलब वह बहुत ईमानदार है और चंदू मॉल बईमान।
चंदू मॉल अकबर से कहता है महाराज मुझ से गलती हो गयी मुझे माफ कर दो.
अकबर कहते है एक तुम बेईमानी करते हो ऊपर से माफ़ी मंगते हो. म तुम्हे एक सर्त पर माफ करूंगा तुम्हे १०० की बजये २०० सोने की मोहर गोपाल चंद को देनी होगी
और आगे से कभी बेईमानी नहीं करोगे।
चंदू मल बात मन लेता है और कहानी यही सम्पात हो जाती है.
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अगले दिन मोहन के घर वाले उसे पूरी शक्ति से ढूढ़ने लगे पर उसका कोई पता नहीं चला। सुशांत मोहन का पक्का मित्र था उसने भी पूरी कोशिश की पर मोहन का कुछ पता नहीं चला। ऐसे करते करते 1 महीने निकल गए और गांव से लगभग २० लोग गायब हो गए।
एक दिन गांव में लड़की आती है शर्मा वो पास के गांव से आयी होती है वो आते ही सुशांत को ढूढ़ती है। सुशांत से मिलने के बाद वो उससे मोहन के ग़ायब होने की कहानी सुनाने को कहती है।सुशांत उससे पूरी कहानी सुना देता है तब शर्मा कहती है ये काम चुड़ैल का है वो अपने गांव की कहानी सुनते हुए बताती हैआज से २०० साल पहले हमारे गांव में एक औरत रहती थी पूजा उससे शादी करने का बहुत बड़ा शोक था उसने बचपन से ही शादी के बहुत बड़े बड़े सपने बना रखे थे परन्तु दिन गांव के बहुत बड़े साहूकार ने उसकी इज़्ज़त लूट ली उसके बाद पुरे गांव ने उसका बहिस्कार कर दिया । पूजा इस दर्द को लेकर गांव के बहार जाती है परन्तु वहा भी लोग उससे जीने नहीं दे रहे थे।
एक दिन उसकी जिंदगी में एक लड़का आता है वो उससे बहुत प्यार करता है और उससे हर तरीके से अपना लेता है। दोनों खुसि खुसी २ साल साथ रहते है एक दिन अचानक लड़के को पता चलता है ।पूजा का बलात्कार जिस साहूकार ने किया था पूजा उसी के साथ चुप कर प्रेम प्रसंग रचा रखा है। लड़का पूजा को मार देता है और उसके शरीर को काली विद्या करने वाली औरत को दे देता है। वह औरत पूजा को चुड़ैल बना कर गांव में छोड़ देती है ।उस चुड़ैल ने करीब 150 साल तक हमारे गांव में आतंक मच्या। फिर एक सिद्ध बाबा ने उससे कैद कर लिया।
शर्मा कहती है अगर उस चुड़ैल को नहीं पकड़ा तो वो अपनी बदले की आग मिटने के लिया कई 1000 लोगो को मार देगी चुड़ैल को पकड़ने का बस एक ही तरीका है उससे वही लड़का वापिस चाहिए जिसने उससे मारा था.
सुशांत कहता है हमे क्या पता वो लड़का कहा पर है और वो चुड़ैल भी कहा पर है. शर्मा कहती है मुझे मेरा गांव के बाबा ने बताया था गांव के बहार जो हवेली है वहां पर हर रात को १२ बजे के बाद वो चुड़ैल आती है. सुशांत और कुछ गांव वाले उस हवेली की पड़ताल करने जाते हैवहां पर उन्हें 20 कंकाल मिलते है सब समझ जाते है ये उन्ही गांव वालो के कंकाल है।
सभी गांव वाले उस चुड़ैल को बघने के लिए शर्मा के साथ मिल कर योजना बनते है योजने ये थी सुशांत को दूल्हा बना कर उस चुड़ैल को बुलएंगे और बाद में उसकी चोटी काट कर उससे मार देंगे। हिन्दू सभय्ता के अनुसार चुड़ैल की जान उसकी चोटी में होती है।
रात को सब योजना के अनुसार ही होता है ठीक 12 बजे चुड़ैल आती है उसकी चाल और हाव भाव देख कर आधे गांव वाले बाघ जाते है चुड़ैल जैसे ही सुशांत को देखती है उसकी तरफ बघती है
सुशांत बहुत बुरी तरह डर जाता है चुड़ैल जब सुशांत के बिकुल करीब आती है तो वो हवा में करीब १ फ़ीट ऊपर और उसकी छोटी ऐसे लहरा रही थी जैसे कुत्ते की पूछ उसकी आंखे लाल और उसने सुशांत को बिकुल काबू में कर लिया कुछ गांव वाले हिमत कर के सुशांत को बचाने आते है उससे पहले ही चुड़ैल ने सुशांत की गर्दन शरीर से अलग कर दी और वहा से चली जाती है. उसके अगले ही दिन शर्मा भी बिना बातये गायब हो जाती है।
गांव वाले शर्मा के गांव में पूछताछ करने जाते है तो उन्हें वहा कोई भी शर्मा नहीं मिलती है. वापिसआते समय एक गांव वाले की नज़र एक घर में पड़ी फोटो पर जाती है वो कहता है य रही शर्माऔरआप लोग मना कर रहे थे तभी उस गांव में से एक आदमी कहता है ये उस चुड़ैल की फोटो है जो 50 साल पहले इस गांव में लोगो को मार देती थी और इसका नाम है पूजा शर्मा गांव वालो को समझ में आ गया सुशांत वही लड़का था जिसको मार कर उस चुड़ैल ने अपना बदला पूरा कर लिया।लिया।
समापत
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दोस्तों आज में एक डरावनी कहानी सुनाने वाला हु , कहानी एक सच्ची घटना से मिलती है। इस कहानी में एक गुड़िया किस प्रकार एक घर में आतंक फैलती है इसी बात पर पूरी कहानी आधारित है। यह कहानी छोटे छोटे खंड में विभाजित है।
श्री। और श्रीमती । कोरोना को उस रात कुछ दोस्तों के साथ रात के खाने के लिए बाहर जाना था इसलिए अपने दो लड़कों की देखभाल करने के लिए उन्होंने एक दाई की व्यवस्था की। दाई गुरुग्राम आने वाली थी, लेकिन १० बजे तक वह अभी तक नहीं आया थी। अचानक दरवाजे की घंटी बजती है समारा आने के लिए धन्यवाद। हम देर से घर आएंगे शायद सुबह के लगभग 1:00 बजे बच्चों को खाना खिला देना और 9:30 बजे तक बिस्तर पर सुला देना।
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मैंने बच्चों के लिए कुछ स्नैक्स तैयार किए हैं और उन्हें फ्रिज में रख दिया है यदि वे आपको एक ज्यादा समय तक तंग कर हैं तो उन्हें एक कहानी या कुछ और पढ़ कर सुनाये। यदि कोई समस्या है, तो सभी स्टोरीबुक उनके कमरे में हैं, कृपया हमें कॉल करें हमारे पास आपका नंबर है। अलविदा बच्चे, आप से बाद में मिलते है और अच्छा से रहना ठीक है अलविदा, अपने खाने का आनंद लें। समारा ने बच्चों को खाना खिलाया और उन्हें 9:30 बजे 10:30 बजे बिस्तर पर सुला दिया। बच्चों को बिस्तर पर रखने के बाद बच्चे सो रहे थे।
वह टीवी देखने के लिए निचे वाले कमरे में आई और टीवी देख रही समारा को उसके पीछे एक उपस्थिति महसूस हुई। जाँच करने के लिए वह भर आयी और सड़क के दूसरी ओर एक मसखरी गुड़िया पाया गयी। वह उस गुड़िया को कमरे में ला आयी कि कमरे में उसने महसूस किया जैसे कि जोकर गुड़िया उसे वापस घूर रही थी
लेकिन फिर उसने खुद को याद दिलाया कि बस यह एक गुड़िया थी। देर रात होआ चुकी है और मैं यहाँ कमरे में अकेली बैठी हूँ शायद इसीलिए मैं इन सारी खौफनाक भावनाओं को महसूस कर रही हूँ। इन विचारों को खारिज करने के बाद वह टीवी देखती रही और अपने आप को शांत करने के लिए थोड़ी देर के बाद उसने खुद को चोट पहुँचाई जिससे उसे बहुत डर लगा और उसने उसे मौन कर दिया। टीवी के वहाँ मृत सन्नाटा था पूरे घर में शांति थी , बच्चों के कमरे से कोई आवाज़ नहीं आ रही थी, फिर उसने टीवी का आयतन फिर से सोच लिया, यह सब उसके दिमाग में था।
जब वह टीवी देख रही थी उसने फिर महसूस किया था के उसकी खोपड़ी के पीछे गुड़िया लगातार उसे देख रही है, उसकी कमर झुक गई और उसकी रीढ़ की हड्डी खिसक रही थी और आखिरकार वह इन सभी भावनाओं से ग्रस्त हो गई और उसने गुड़िया को दूसरे कमरे में ले जाने का फैसला किया और गुड़िया को दूसरे कमरे में ले जाने के बाद वापस आ गई। बैठे हुए कमरे में और अब टीवी देखना जारी रखा, समारा बहुत ही आराम और आरामदायक महसूस कर रही थी
उन सभी खौफनाक भावनाओं को जो वह गुड़िया की वजह से अनुभव कर रही थी, सभी एक पल के बाद चले गए थे जब घर का फोन बजता है । कोरोना। हाय समारा, कैसे सब कुछ कैसा है । अपने बच्चों को समय पर बिस्तर पर सुला दिया है । सामरा , सब कुछ ठीक है बच्चे बहुत बढ़िया है उन्होंने मुझे कोई परेशानी नहीं दी, उन्होंने समय पर भोजन किया और समय पर सोए थे। वाह यह बढ़िया है कि हम पार्टी छोड़ देंगे। 12:30 के आसपास हमें बताएं कि अगर आपको कुछ चाहिए तो मैं आपसे बात करूंगा आप बाद में एक मिनट।
कोरोना मैं आपको कुछ मजेदार बताना चाहता था, लेकिन आपकी मसखरी गुड़िया जो उस कमरे में थी, जिसे मैंने दूसरे कमरे में स्थानांतरित कर दिया है, उस गुड़िया से मुझे टीवी देखने में थोड़ा असहज महसूस कर रहा थी , क्योंकि मुझे लगा कि मैं कमरे में मेरा आलावा भी कोई और है। आपको मैंने बता दिया है कि क्या यह ठीक है। समारा कौन सी जोकर गुड़िया है, हमारी बैठक की जगह में कोई जोकर गुड़िया नहीं है।
सामरा अस्चर्य से बोलती है क्या..
यही पर इस कहानी का समापन हो जाता है।
दोस्तों इस कहानी में बताया गया है की कभी कभी छोटी घटनए किसी भूतिया घटनाओ की और इशारा भी करती है। हमे सभी प्रकार के इशारो को समझना व पकड़ना चाहिए। यह कहानी एक सच्ची घटना पे आधारित है जो अमेरिका के एक छोटे गांव में घटी हुई है। इस कहानी के सभी पात्र मेने काल्पनिक लिए है। आशा करता हु आपको यह कहानी पसंद आयी होगी।
दोस्तों अगर आपको ऐसी कहानिया पढ़नी है तो आप मेरी यह कहानिया "वो काली रात","पांचू के किस्से "और" पांचू और पुरानी हवेली "पढ़ सकते है।
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