akbar birbal ki kahaniya

अकबर बीरबल की कहानियां 

एक बार कुछ लोग जंगल काट रहे थे उन्हें  एक कबूतर और उसका बच्चा देख रहा था। कबूतर का बच्चा अपनी माँ से कहता है। माँ यह लोग कौन है और जंगल क्यों काट रहे है. माँ उत्तर देती है ,बेटा यह बादशाह के सिपाही है उनके लिए जंगल में रास्ता बना रहे है.

 फिर कबूतर का बच्चा पूछता है। क्या शहंशाह जंगल में जानवरो से मिलने आ रहे है। माँ उतर देती है नहीं,मिलने के लिए नहीं बल्कि उन्हें मरने के लिए।

बच्चा कहता है ,मारने के लिए क्यों। माँ उतर देती है ऐसे ही मस्ती के लिए. बच्चा कहता है यह कैसी मस्ती है यह लोग जानवर जैसा सलूक क्यों करते है. माँ कहती है वो खतरनाक है उन्होंने बहुत सारे जंगल काटे है। मासूम जानवरो को मारा है।

और आज वो फिर आ गए है। बच्चा कहता है माँ हमे सभी को जा के सावधान कर देना चाहिए. फिर दोनों सभी जंगल के प्राणिओ को शहंशाह के आने की खबर देने जाते है।

फिर कबूतर चिलाती है सावधान। शिकारी आ रहे है भाग जाओ सभी अपनी जान बचाओ। कबतूर की चेतावनी सुनकर एक खरगोश दूसरे खरगोश से कहता है। वो हमे को मारने आते है हमने उन्हें कभी नुकसान नहीं पोहचाया।

दूसरा खरगोश कहते है तुम सही कह रहे हो परन्तु अभी सभी अपनी जान बचाओ. अकबर अपने सिपाहीओं के साथ जंगल के अंदर चले आ रहा था।

अकबर बोलता है। आश्चर्य की बात है हमे अभी तक कोई जानवर नहीं दिखयी दिया। एक मंत्री कहता है लगता है सभी जंगल के अंदर चले गए है मालिक। 

अकबर कहते है क्या मतलब है तुम्हारा। बीरबल बोलते है शहंशाह हमारे सिपाहीओं ने बहुत सारे पेड़ काट दिए है ताकि आप आसानी से शिकार कर पाए इसलिए यहां से सभी जानवर  चले गए है क्योकि जानवरो को घना जंगल पसंद है हज़ूर।

 अकबर कहते है हम उन्हें ढूढ़ ही डालेंगे चाहे हमे जंगल में कहि भी जाना पड़े। फिर अकबर अपनी सेना के साथ जंगल के अंदर जाने लगते है। इतने में अकबर और उसकी सेना को बाघ की आवाज सुनाई देती है। सभी उस तरफ जाने लगते है।

 वह दूसरी तरफ कबूतर और उसका बच्चा भी बाघ के पास पहुंच जाता है। कबूतर उन्हें शिकारी के बारे में बताता है। बाघ वहां से भाग जाते है।

 अकबर बोलते है हमने कोई आवाज भी नहीं की फिर भी बाघ को भाग गए। मंत्री बोलता है हज़ूर शायद कोई उन्हें सतर्क कर रहा है। अकबर बोलते है कौन उन्हें सतर्क कर रहा है। मंत्री कहते है कबूतर , मैने दो कबूतर देखे थे। 

फिर मंत्री अकबर से कहते है आप परेशान ना होए मेरा हज़ूर में उन्हें कैद कर लूंगा। फिर अकबर और उनके सैनिक वापिस जाने लगते है।

 उन्हें वापिस जाते देख कबूतर निश्चिंत हो जाते है इतने में एक मंत्री उन्हें कैद कर लेता है। वह उन दोनों को अकबर के पास ला जाता है और कहता है इन् दोनों की वजह से आप शिकार से वंचित रहा गए। दोनों कबूतर जोर जोर से आवाज करने लगते है। 

 अकबर पूछते है यह दोनों इतने जोर से क्यों चिल्ला रहे है। बीरबल कहते है यह हमारी जान के लिए गिड़गिड़ा रहे है यह कह रहे है शहंशाह के राज्य  का अंत होने वाला है।

 बीरबल कहते है इनकी आवाज ध्यान से सुने यह कह रहे है अगर आप इसी तरह जंगल काटते रहेंगे तो बहुत जल्द वातावरण का विनाश हो जायगा और सभी मनुष्ये मारे जायँगे।

अगर पेड़ इसी रफ़्तार से काटे गए तो जानवर के पास रहने को जगह नहीं बचेगी और वह शहर की तरफ आयंगे। हज़ूर अब आपकी मर्ज़ी है या मोज़ के लिए शिकार करे या राज्य की सुरक्षा देखे

 अकबर बीरबल से कहते है तुम चालक ही नहीं बल्कि गहरी सोच रखने वाले हो।  आज से हम कभी भी शिकार नहीं खेलेंगे और अपने जंगल को भी हरा भरा करंगे। ऐसा कह के वो दोनों कबूतर को छोड़ देता है।

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