चालाक बकरी

चालाक बकरी  -

दोस्तों आज में आपको एक बहुत  शिक्षाप्रद कहानी सुनाऊंगा जिसका नाम है चालाक  बकरी। 


एक छोटे से गांव में एक नानू नाम की बकरी रहती थी। उसके चार बच्चे थे। वह अपने बच्चे से बहुत प्यार करती थी। परन्तु उसको हमेसा एक ही चिंता रहती थी की पास के जंगल से कोई जानवर आकर उसके बच्चो को नहीं खा जाये। 


वह अपने बच्चो को जंगल और उसके जानवर के प्रति जागरूक करती थी। एक दिन बकरी का सबसे छोटा बच्चा किसान के बेटे की बात सुनता है। 


किसान का बेटा अपने पिता को बताता है जंगल में बहुत सारी हरी घास है। बच्चा यह सुनकर जंगल की तरफ भागता है। माँ को यह बात पता लगती है तो वह चिंता में आ जाती है। 

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बच्चा कुछ ही दूर जाता है तो उसे कुछ हायना घेर लेते है। उन्हें देख बच्चा डर जाता है और अपनी माँ को बुलाने लगता है। यह सुनकर हायना जोर जोर से हसने लगते है। 


उनमे से एक सियार बोलता है। कितना अच्छा भोजन है। आज रात तो हमारी दावत होगी। 


बकरी भी वहाँ पर पोहोच जाती है। हायना कहते है आज तो डबल पार्टी होगी। बेटे के साथ माँ भी आज रात का डिनर बनेगी। 


बकरी बोलती है। ज्यादा मत हसो। शेर राज आ गए तो तुम चारो को खा जयँगे। तुम्हे क्या लगा मने अपने बच्चे को यहाँ युही  छोड़ा हुआ है। 


शेर जी का हुकुम है जब तक में नहीं आउ तब तक तुम लोग यहाँ से नहीं जाओगे। 

अगर तुम लोगो ने हमे खाया तो वह तुम सबको खा जयँगे। 


सियार - उसे कैसे पता लगेगा। हमने तुम्हे खाया है। 


बकरी - तुम लोगो ने शेर को पागल समझा है। वो देखो बंदर को यहाँ हमारी निगरानी के लिए रखा है। 


सियार यह सुनकर चिंता में आ जाते है। वह लोग आपस में डिस्कशन करते है और निर्णय लेते है इन लोगो को छोड़ो। नहीं तो शेर हमे खा जायगा। सियार वहाँ से जाने लगते है। 


बकरी जल्दी जल्दी बच्चो को ले जाती है। तभी रस्ते में उसे शेर मिल जाता है। 


बकरी - शेर जी रुकिए नहीं तो शेरनी नाराज़ हो जायगी। 


शेर -कहाँ  है शेरनी। तुम खुद को शेरनी समझ रही हो। 


बकरी - नहीं , में आपकी शेरनी की बात कर रही हु। उन्होंने कहाँ था। जब तक में ना आउ तब तक तुम यही रुकना। में तुम दोनों को अपने शेर को दूंगी। 


शेर - क्यों झूठ बोल रही हो। 


बकरी - मत मानो। बाद में शेरनी गुस्सा करे तो मुझ से नहीं कहना। यकीन नहीं है तो उस कवै से पूछ लो। 


यह सुनकर शेर एक बार सोच में पड़ जाता है। पर बीवी के डर से वह उन दोनों को छोड़ देता है। 


बकरी बच्चे को ले कर कुछ दूर ही जाती है तभी उसे आगे से एक शेरनी दिखयी देती है। शेरनी उन दोनों को पककड़ लेती है। 


बकरी - शेरनी जी हमे छोड़ दो नहीं तो शेर जी गुस्सा हो जयँगे। 


शेरनी - क्यों ,वो मेरा पति है या तेरा। 


बकरी - पति तो वह आपके है। परन्तु उन्होंने आपको सरप्राइज करने के लिए प्लेन बनया था। उन्होंने हमे यही खड़े रहने को कहाँ था। वह कह रहे थे जैसे ही शेरनी आ जायगी ,तब में दोनों का शिकार कर के शेरनी को दूंगा। 


शेरनी -तुम भाग गयी तो। 


बकरी - चिंता नहीं करे। शेर जी ने रैबिट को मेरी निगरानी में रखा है। 


शेरनी - यह सुनकर बहुत खुस हो जाती है। और हस्ती नाचती चली जाती है। 


 बकरी बच्चे को ले कर सीधे किसान के घर पोहच जाती है वहाँ बच्चे पूछते है। माँ आप जंगल गयी थी वहाँ से कैसे बच कर आये ,


बकरी - बच्चो अगर आपके पास दिमाग, धैर्य और सब्र है तो आप किसी भी मुश्किल परिस्तिथि का सामना कर सकते है। 


तो दोस्तों यह थी चालाक बकरी की कहानी। 

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