बंदर और शेर की दुश्मनी - नैतिक शिक्षा की कहानी
बंदर और शेर की दुश्मनी -
आज हम आपको सुनाएँगे बंदर और शेर की दुश्मनी की रोचक कहानी।
एक पहाड़ी पे कुछ बंदर का समूह रहता था। एक दिन वहाँ पर एक शेर रहने के लिए आ गया। उसने पहाड़ी की एक गुफा पर अपना कब्जा जमा लिया।
शेर के आ जाने से बंदर को परेशानी हो गयी। शेर अपनी गुफा में अपने अस्सिटेंट लोमड़ी के साथ खुश था।
एक दिन बंदर का सरदार शेर के पास शिक़ायत करने पोहच गया।
सरदार - शेर जी आपके आने से सभी बंदर परेशान है। कृपया आप यहाँ से चले जाये।
शेर- कहाँ जाऊ।
सरदार - राजा सहाब आप अपने पिछले ठिकाने पर चले जाये।
लोमड़ी - हम यहाँ से क्यों जाये। सभी को पता है शेर जहाँ चाहे वहाँ पर रह सकते है। हम लोग यही रहेंगे। तुम लोग अपने पेड़ पर वापिस चले जाओ।
सरदार - नहीं ,तुम लोग यहाँ से अभी निकल जाओ।
शेर- रुक जाओ। तुम लोगो को पता भी है किसे जाने को कह रहे हो। एक पंजे में सभी यही जमीन पर गिरे पाओगे। पर में एक अच्छा राजा हु में तुम्हे तब तक दुःख नहीं दूंगा जब तक तुम मुझे नहीं दोगे।
सरदार - लेकिन हमारे उछल कूद से आप लोगो को तकलीफ होगी।
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लोमड़ी - नहीं होगी। तुम लोग यहा से जाओ।
बंदर शेर को पहाड़ी पर नहीं रहने देना चाहते थे। उन्होंने एक मीटिंग बुलाई और शेर को भगाने की योजना रची।
बंदर कभी पथर नीचे गिराते। कभी शेर की पूछ में रस्सी बांध देते।
शेर अपनी सुविधा के लिए। गुफा के बहार पानी रखवा ता था। बंदर उस पानी को पहाड़ी के निचे गिरा देते थे।
शेर पानी नहीं पा कर लोमड़ी को लड़ देता है। अगले दिन लोमड़ी फिर पानी ला कर गुफा के बहार रख देता है। बंदर फिर दुबरा उस पानी को पहाड़ी के निचे गिरा देते है।
शेर लोमड़ी को फिर लड़ता है। परन्तु इस बार शेर समझ गया था दाल में कुछ काला है।
अगले दिन लोमड़ी फिर पानी ला कर रख देता है। इस बार शेर चुप कर देखता है उसका पानी कौन गायब करता है।
शेर देखता है बंदर उसका पानी पहाड़ी से नीचे गिरा रहे है।
लोमड़ी शेर से कहती है। शेर जी आज आप इनको सबक सिखाये। शेर कहता है नहीं देखते है यह लोग कब तक पानी पहाड़ी से नीचे गिराते है।
यह सिलसिला बहुत दिनों तक चला। बंदरो ने नोटिस किया शेर उन्हें यह करते देखता है पर उन्हें कुछ नहीं कहता है।
एक दिन इस बात से परेशान हो कर बंदरो ने शेर के पास जाने का निर्णय लिया।
बंदर और सरदार शेर के पास जाते है।
सरदार - शेर सिंह जी हम सभी बहुत परेशान है।
शेर- क्यों परेशान हो। मैंने तो कुछ नहीं किया तुम लोगो के साथ।
बंदर - आप परेशान नहीं हुआ हम लोग इसलिए ही परेशान है। हम पिछले 20 दिन से आपके पिने का पानी पहाड़ी से नीचे गिरा देते है। आप हमे देखते भी है। परन्तु फिर भी आप हमे कुछ कहते नहीं।
हम लोग आपका कितना नुकसान करते है। फिर भी आप हमे कुछ कहते ही नहीं है।
शेर - तुम लोग मेरा नुकसान नहीं फायदा करते हो।
बंदर - फयदा। हम लोग कैसे फायदा करते है।
शेर - तुम लोगो ने देखा नहीं आजकल में जल्दी शिकार कर के आता हु। यही मेरा फायदा है।
बंदर -वह कैसे।
शेर - तुम लोग जो रोज नीचे पानी गिराते हो। उसे निचे बहुत सारी घास पैदा हो गयी है। जिसे जानवर खाने आते है। में उनका आसानी से शिकार कर देता हु।
शिक्षा - अगर कोई हमारा नुकसान करता है तो हमे उस नुकसान से बचना का रास्ता ही नहीं बल्कि उसे होने वाला फायदा भी ढूढ़ना चाहिए।
तो दोस्तों आशा है आपको बंदर और शेर की कहानी पसंद आयी होगी।
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