अकबर बीरबल की कहानियाँ - मुर्ख लोगो की सूची
मुर्ख लोगो की सूची -
एक दिन शहंशाह अकबर अपने दरबार बैठे हुआ थे , अकबर सभी दरबारिओ को सम्भोदित करते हुए कहते है.
अकबर - हम कितने खुश किस्मत है , जो हमे इतने बुद्धिमान लोग मिले, हम बुद्धिमान लोगो से मिल कर बहुत पक चुके है , हमे अब मुर्ख लोगो से मिलना है।
अकबर बीरबल से कहते है , आप बहुत चतुर है हम आपको यह चुनौती देते है, आप हमारी सल्तनत के 5 ऐसे लोगो का पता लगाए जिन्हे हम सबसे बड़ा पागल कह सके।
बीरबल - आप ऐसा करना कहते है जहाँपना।
अकबर - हा , हमे हमारी सल्तनत के 5 सबसे पागल व्यक्ति ढूढ़ कर ला कर दो.
बीरबल - में उन्हें कल तक आपके सामने ला कर रख दूंगा हज़ूर।
बीरबल पागल व्यक्ति की तलाश में निकल जाते है। उन्हें सामने से एक व्यक्ति गधे पर बैठ कर आते दीखता है.
बीरबल - रुको , मुझे तुम्हे जानने की इच्छा है। तुम कौन हो।
व्यक्ति - जी मेरा नाम मनोज है। में एक धोबी हु। में अपने गधे के लिए कुछ चारा ले कर लोट रहा हु.
बीरबल - एक चीज़ बताओ। बोझ सर पर को ढ़ो रहे हो , तुम्हारे पास गधा है।
धोबी - जी , मेने सोचा गधा इतना वजन सर पर कब तक ढोएगा। कुछ देर इसको आराम दे दू।
बीरबल - मन में सोचते हुए कहते है ,यह हे मेरा पहला पागल , खुद गधे पर बैठ कर ,उसका वजन काम कर रहा है.
बीरबल - धोबी , तुम मेरे साथ महल चलो में तुम्हे इस काम के लिए इनाम दिलवाऊंगा।
ऐसा कह कर दोनों महल की तरफ चल देते है। चलते चलते उन्हें रस्ते में दो व्यक्ति लड़ते हुआ दीखते है।
बीरबल - तुम लोग कौन हो और को लड़ रहे होआ.
पहला व्यक्ति - हज़ूर मेरा नाम विवेक है और ये निखिल है। निखिल मेरी गाय के ऊपर शेर छोड़ने की बात कह रहा है.
बीरबल- कहाँ पर है शेर , कहाँ पर है गाय
दोनों कहते है हज़ूर , जैसे ही हमे वरदान मिलेंगे में गाय माँगूगा और ये शेर।
दूसरा व्यक्ति - जैसे ही मुझे शेर मिलेगा में इसकी गाय पर छोड़ दूंगा।
बीरबल मन ही मन कहते है मुझे दो पागल और मिल गए। बीरबल उन दोनों को भी अपने साथ महल आने को कहते है।
बीरबल उन ३ पागलो को अपने घर पर छोड़ जाते है और बाकि पागल की तलाश में निकल जाते है.
रस्ते में उन्हें एक व्यक्ति कुछ ढूढ़ते हुए दीखता है.
बीरबल - क्या में आपकी कुछ मदद कर सकता हु.
व्यक्ति - क्या तुम मेरी मदद करोगे। मेरी अंघूटी उस पेड़ के निचे गिर गयी है। परन्तु वहा पर ज्यादा अँधेरा है। इसलिए में इसे यह उजाले में ढूढ़ रहा हु.
बीरबल मन ही मन , मिल गया मुझे चौथा पागल।
अगले दिन दरबार में।
Also, read this - What is cervical pain
अकबर- बीरबल क्या तुमने पागलो को ढूंढ निकाला।
बीरबल- जी है , जहाँपना
अकबर - क्या , मेरे शहर में इतने सारे पागल है।
बीरबल- नहीं जहाँपना , किस्मत से मुझे सारे पागल एक ही दिन में मिल गए।
बीरबल अकबर को सारे पागल उन्हें किस तरहा मिले उसकी कहानी सुनाते है।
अकबर - तुम्हे सिर्फ ४ ही पागल मिले। बाकि २ कहाँ पर हे।
बीरबल - जी , सबसे बड़ा पागल में हु। क्योकि इन पागलो को ढूढ़ने का पागलपन में कर रहा था।
अकबर - हमे दूसरे बड़े पागल का नाम सुनने से डर लग है ,बीरबल।
बीरबल - जी सही सोचा अपने , सबसे बड़े पागल है आप। जो पागल को देखने की इच्छा हो रही थी आपको।
अकबर कहते है। बीरबल जितना चतुर कोई नहीं।
1 टिप्पणियाँ
Good story
जवाब देंहटाएं