Birbal ki chaturai ki kahani- jadui gadha
birbal ki chaturai ki kahani
बीरबल की चतुराई की कहानी शुरू होती है , शहंशाह अकबर और महारानी के साथ।
अकबर , महारानी को आभूषण तोफे में देते है। महारानी बदले में अकबर से कहती है। यह आभूषण हमे बहुत पसंद आया।
अगले दिन महारानी अपना सिंगार कर रही थी. सिंगार करते समय वह दराज में अपना आभूषण खोजती है। परन्तु उन्हें आभूषण नहीं मिलता।
रानी बाहर से एक नौकरानी को बुलाती है और उसको हुकम देती है। हमारा आभूषण को खोजो।
नौकरानी ,रानीसहिबा से कहती है। आज आप दूसरा आभूषण पहन लीजिये।
रानी कहती है नहीं , यह आभूषण हमे शहंशाह ने तोफे में दिया है। हमे उसी आभूषण को पहनेगे।
अकबर उसी समय आते है। रानी उन्हें सारी कथा बता देती है। अकबर रानी को समझते है आप चिंता ना करे। हम आपको दूसरा आभूषण ला कर दे देंगे और यह आभुषण भी ढूढ़ निकालेंगे।
अकबर सैनिको को आदेश देते है। जाओ कमरे का कोना कोना छान डालो पर हमे वह आभूषण किसी भी कीमत पर चाहिए।
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सैनिक कुछ समय बाद आता है। वह बताता है जहाँपना हमने पूरा कमरा छान मारा परन्तु आभूषण कही पर भी नहीं मिला। लगता है वह हार चोरी हो गया है।
अकबर इस बात से काफी सकते में आ जाते है। वह फ़ौरन बीरबल को बुलाने का आदेश देते है।
बीरबल आते है , अकबर बीरबल को सारी कथा सुना देते है। बीरबल भी इस बात से सहमत थे की हार चोरी ही हुआ है।
बीरबल फ़ौरन सभी दाशिओ और पहेरेदारो को एकत्रित करते है। बीरबल अकबर से कहते है ,आप इन् सभी को यही पर बैठा कर रखे। में अभी अपने एक मित्र को बुला कर लाता हु। वह चोर को पकड़ने में मदद करेगा।
बीरबल कुछ समय बाद आते है। उनके साथ एक गधा मौजूद था।
अकबर बीरबल से कहते है यह गधा यहाँ पर क्या कर रहा है।
बीरबल उत्तर देते है यह एक जादुई गधा है। यह चोर को पकड़ने में हमारी मदद करेगा।
बीरबल उस गधे को एक कमरे में बंद कर आते है। बीरबल कहते है जैसे मैंने कहाँ यह एक जादुई गधा है। अब सभी एक एक कर के अंदर जाये और गधे की पूछ पकक्ड़ कर बोले मैंने हार नहीं चुराया।
फिर मेरा मित्र बताएगा चोर कौन है। सभी एक एक कर के अंदर जाते है और जादुई गधे की पूंछ पक्कड़ कर कहते है मैंने हार नहीं चुराया।
फिर बीरबल सभी के हाथ एक एक कर के जांचते है। और फिर उनमे से एक दाशी को दोषी बताते है।
अकबर कहते है आप इससे दोषी किश आधार पर साबित कर रहे है।
बीरबल बताते है। जहाँपना मैंने गधे की पुंछ पर एक विसेस प्रकार का पानी लगाया था। उस पानी के अवसेस सभी के हाथ से मिले परन्तु इस दाशी के हाथ पर कोई निशान नहीं थे।
इसी आधार पर मैंने इसको दोषी ठहराया है।
अकबर बीरबल की चतुराई से बहुत खुस होते है और बोलते है बीरबल की चतुराई की कहानी में एक किस्सा और जुड गया वह है जादुई गधा।
1 टिप्पणियाँ
good story
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