गधे की काली जुबान पंचतंत्र की कहानी

गधे की काली जुबान पंचतंत्र की कहानी-


दोस्तों  हम सभी जानते है शेर जंगल का एक राजा होता है। उसे सभी सलाम करते है। जंगल के सभी जानवर शेर की जयजयकार करते है। 


एक दिन एक गधे की टोली उस जंगल में आती है। उन सभी में से एक गधा के बारे में यह बात फेल गयी उसकी जबान काली है। वह जो भी कहता है वह सच हो जाता है।


इस बात की वजह से कोई उससे पंगा नहीं लेता है। और इसी बात से उसे बहुत घमंड हो जाता है। 


नियम था उस गधे को शेर को सलाम मारने आना था परन्तु वह नहीं आया। तब भालू गधे के पास जाता है ,


भालू - गधे तुमको शेर को सलाम  मारने आने था क्यों नहीं आये तुम। 


 गधा - में एक गधा हु। मुझे दुलती मारना आता है। सलाम मरना हमने नहीं सीखा। 


भालू - देख लो गधे। शेर को यह बात पसंद नहीं आएगी। 


 गधा - चल जा। पहले तू अपना सर तो सभाल।, कहि तेरा सर पेड़ की डाल से न फुट जाये। 


इतना कहते ही एक पेड़ की डाल  भालू के सर पे गिर पड़ती है। 


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गधा - अब यहां से निकल लो।  कहि तुम्हारे हाथ पैर भी टूट जाये। अपने शेर से कह देना अगर उसको मेरा सलाम चाहिए तो मेरे पास आना होगा। 


भालू सारी कहानी शेर को बता देता है।  शेर को गुस्सा आ जाता है। शेर अपने सेनापति बंदर को हुक्म देता है। जाओ और उसे यह पेस करो। 


बन्दर जाता है और गधे को पककड़ लाता है। गधा शेर को देख कर अपनी डुलती झड़ने लगता है। शेर बहुत गुस्सा होता है। 

 

शेर- गधे तुम्हारी यह जुर्रत हमे सलाम की बाजए। हमे दुलती  दिखा रहे हो। इस बात की तुम्हे सजा मिलेगी। 


गधा- शेर जी हमारी प्रजाति में दुलती को सलाम मारना कहते है। आप सजा सुनायगे उससे पहले कहि आपकी जुबान ना काट जाये। 


शेर जैसे ही सजा सुनाने लगता है उस समय उसकी जुबान सच में कट जाती है। 


सभी लोग आपस में कहने लगते है। सच में इस गधे की जुबान काली है। तभी लकड़बगा कहता है। 


लकड़बग्गा- सब अफवा है। में अभी इसको अपने दांतो से काट खाऊंगा।


गधा - देख ले। कहि तेरे दाँत  ही न टूट जाये। 


लककड़बग्गा - चल हट। मेरे दात सबसे मजबूत है। तुझे तो में कच्चा ही चबा जाउगा। 


लकड़बगा गधे को काटने लगता है तभी उसके दांत टूट जाते है। 

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शेर - लगता है। आज यह गधा हमारा ही शिकार बनेगा। 


गधा - शेर संभाल के कहि तुम ही किसी मुसीबत के शिकार न बन जाओ। 


शेर जैसे ही गधे पर झपटा है वह जमीन  पर चक्कर खा के गिर जाता है। 


गधा - अगर तुम सभी अपनी सलामती चाहते हो तो मुझे सलाम मारो। 


सभी गधे को सलाम मारते है। 


गधा - अगर आप सभी सहमत है तो में शेर की जगह पर बेठ जाऊ। 


बंदर - ऐसा कैसे हो सकता है। वह शेर महाराज की जगह है। 


गधा - अच्छा। तो बंदर जी आप तब तक पेड़ पर चढ़ते और उतरते रहो जब तक आपका एतराज  न खत्म हो जाये। 


बंदर सच में ऐसा करने लग जाता है। 


गधा अब पुरे जंगल पर राज करने लगता है। जो भी आता वह गधे को सलाम मरता। 


फिर कुछ दिनों बाद शेर का मंत्री सियार जो अपने गांव गया हुआ था वापिस आता है। वह सारी बात पता करता है। सियार अपनी चतुराई लगता है।  वह एक फरमान ले कर दरबार में आता है। 


सियार - शेर जी जय हो। तब वह गधे को देख कर कहता है। तुम कौन  हो। 


गधा - में यहां का नया राजा हु। बोलो क्या काम है। 


सियार - यह फरमान पढ़वाना था। पर आप तो अनपढ़ ग्वार लगते हो। शेर जी से पढ़वाता में तो। 


गधा - चीड़ के , अरे में पढ़ा लिखा हु।  दिखा में पढ़ता हु।  


गधा पढ़ता है। में अपने बारे में कहता हु।  दो तगड़े सांड आये और मुझे मरते हुआ ले जाये। और में यह कभी वापिस न आ पाऊ। 


यह पढ़ते ही दो गोरिल्ला आते है। गधे को धोते हुआ ले जाते है। 


शेर सियार की चतुराई से खुस हो जाता है और सारा जंगल चैन की सास लेता है। 

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