निकम्मा काज़ी बीरबल की बुद्धिमानी

निकम्मा  काज़ी -

कहानी का आगाज़ होता है शहंशाह अकबर से ,वह अपने दरबार में बैठे हुए थे। 

एक किसान उनसे मिलने के लिए आता है। 

अकबर - बोलिये आपको मुझ से क्या काम है। 

किसान- जहाँपना मेरा नाम शाहरुख़ है में एक किसान हु। में थोड़े से पैसे कमा कर अच्छी खासी जिंदगी जी रहा था। ६ महीने पहले तक मेरी जिंदगी बहुत अच्छी खासी निकल रही थी। 

एक दिन मेरी बीवी की मिर्त्यु हो गयी। बीवी के चल बसने के बाद में अकेला महसूस करने लगा। मेरी कोई औलाद भी नहीं है। 

इसी वजह से में ज्यादा डिप्रेशन में आ गया था। 

एक दिन मुझे काजी सलमान मिले। उन्होंने मुझ से पूछा तुम दुखी क्यों हो। मैने उनको सब कुछ बता दिया ,

तब उन्होंने मुझे कश्मीर में जाने की सलाह दी थी। में उनकी सलाह के अनुसार कश्मीर में कुछ दिन के लिए चला गया। 

परन्तु जाने से पहले मैने अपनी जिंदगी भर की कमाई काजी सलमान को दे गया था। मेरे थैले को कोई नहीं खोले इस लिए मैने थैले के ऊपर सील लगा दी थी। 

जब में कश्मीर से वापिस लौटा उसके बाद में काजी के पास अपना धन लेने चला गया। काजी ने मुझे थैला वापिस कर दिया। 

वापिस करते हुए उन्होंने थैले पर लगी सील जांचने को भी कहा। सील सही थी। 

में अपने पैसे वापिस ले कर घर आया। जब मैने थैला खोला तो उसमे सोने के सिक्के की जगह पथर के टुकड़े मिले। 

में उनके पास दुबारा गया और सारी कथा सुनाई। परन्तु उन्होंने मुझे मेरे धन देने के बजाए। मुझे गिरफ्तार करवाने की धमकी दे कर वापिस भेज दिया। 

शाहरुख़ कहता है आपके पास में आखिरी आस ले के आया हु हज़ूर। आप ही मुझे मेरा धन वापिस दिलवा सकते है। 

अकबर बीरबल को यह पहेली सुलझाने को कहते है। 

बीरबल किसान से पूछता है। आपके पास वह थैला अभी मजूद है। शाहरुख़ उन्हें थैला दे देता है। 

बीरबल अकबर से कुछ दिनों की मोहलत मांगते है सचाई को खोजने के लिए। 

अकबर उन्हें समय दे देते है। 

बीरबल काफी सोच विचार करते है। उसके बाद वह अपनी एक पोशाक को फाड् देते है। 

बीरबल अपने सेवक को बुला कर कहते है। पुरे शहर खोजो पर मुझे एक ऐसा दर्जी चाहिए। जो मेरी पोशाक सिले दे और पोशाक में सिलाई दिखयी भी नहीं दे। 

सेवक कुछ समय बाद पोशाक ले कर आता है। बीरबल पोशाक की सिलाई देख कर हैरान रह जाते है , वह उस दर्जी का नाम और पता पूछते है। 

सेवक उसका नाम अजय और वह नगर के बीचो बीच रहता है। 

बीरबल उस दर्जी को अपने घर बुलवाते है। 

अगले दिन...

अकबर बीरबल से पूछते है।  आपने  सचाई का पता लगवा लिया है या अभी और समय चाहिए आपको। 

बीरबल उत्तर देते है।  जनाब आप उन दोनों को बुलवा लीजिये में सचाई उनके सामने साबित कर दूंगा। 

अकबर दोनों को हाज़िर होने का हुकुम देते है। 

अकबर किसान से पूछते है ,यह वही थैला है जो तुमने इस काजी सलमान के पास रखवाया था। 

शाहरुख़ उत्तर देता है जी  हां हज़ूर। 

बीरबल काजी से पूछते है। यह वही थैला है। 

सलमान उत्तर देता है जी हा हज़ूर , पर मैने यह थैला खोला नहीं। इस थैले में मोहर वैसी की वैसी थी हज़ूर। 

बीरबल अजय दर्जी को दरबार में बुलवाते है। 

बीरबल अजय से पूछते है आपने  काजी साहब का हाल ही में कोई काम किया है। 

दर्जी बताता है जी हज़ूर, मैंने  इनका एक पैसे से भरा थैला सीला था। 

बीरबल कहते है हज़ूर यह एक निकम्मा  काज़ी है। इसने शाहरुख़ के पैसे खाये है आपको इसको कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। 

अकबर निकम्मा काज़ी को उम्र भर जेल में रहने की सजा सुनते है। 

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