Kathal ka fal: Akbar Birbal Ki kahaniya
कटहल का फल -
राजा बीरबल को प्रकृति से बहुत प्रेम था वह अपना अधिक समय बाग़ बगीचों में बिताते थे। उनकी सबसे मनपसंद जगह महाराज अकबर का बगीचा था।
इस बगीचा की देख रेख एक बिनोद नामक माली करता था। वह शांत सवभाव का आदमी था। वह सीधी जिंदगी जीता था। उसे अपने बगीचों से प्रेम था।
बीरबल और बिनोद अक्सर बाग़ के पेड़ ,पोधो और फूलो की बातें किया करते थे। राजा बीरबल उसके साथ बहुत अच्छा व्यव्हार करते थे। माली भी बीरबल की बहुत इज़्ज़त करता था।
एक दिन बीरबल बगीचे में घूम रहे थे। उन्हें किसी की रोने की आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने वहा जा के देखा तो बिनोद रो रहा था।
उन्होंने बिनोद से रोने का कारण पूछा। बिनोद पहले मना करने लगा फिर सबकुछ बता दिया।
माली कहता है में पिछले १५ वर्ष से अपने बुढ़ापे के लिए बचत कर रहा था। मेने अपनी सारी बचत कटहल के फल के निचे दबा के रखे थे। परन्तु आज वहां से मेरे सारे पैसे चोरी हो गए।
बीरबल कहते है तुमने यहाँ पैसे छुपा के क्यों रखे। माली कहता है जनाब मेने सोचा पेड़ के निचे कौन पैसे देखेगा इसी वजह से मेने छुपा दिए।
में अपना पूरा समय यही बिताता हु इस वजह से मेरी पूरी नज़र यही रहती थी। बीरबल कहते है। अगर ऐसा है जिसे तुमने बतया था वही चोर होगा। तुमने किसको इसके बारे में बताया था।
माली- मेने किसी को भी नहीं बताया था हज़ूर।
बीरबल- फिर पक्का तुम्हे किसी ने यहां पैसे दबाते देखा होगा।
बिनोद - यहाँ पर तो किसी का भी आना मना है सिवाय आपके ,शहंशाह अकबर और कुछ मंत्री के आलावा।
बीरबल - तुम चिंता मत करो। मुझ पर विश्वास करो में तुम्हारे पैसे ढूढ़ निकलूंगा। अब घर जाओ और आराम करो।
बीरबल अपने घर में मंथन करते है। विचार करते समय उन्हें एक बात सुझाती है कटहल के फल के पेड़ के पास कोई क्यों खोदेगा। तभी उन्हें विचार आता है कोई वेद या हाकिम ही खोद सकता है जड़ी बूटी की खोज में।
अगले दिन बीरबल दरबार में अकबर के सामने सब कथा सुनाते है। बीरबल अकबर से आज्ञा मानते है मंत्री से कुछ जवाब के लिए।
बीरबल - आप लोगो में से हाल ही में कोई बीमार हुआ है।
एक मंत्री - हां। पिछले कुछ दिनों से मुझे गले में दिकत है में एक आयुर्वेदिक दवा का सेवन कर रहा हु।
बीरबल - आप जड़ी बूटी कहा से लाये थे।
मंत्री - यह जड़ी बूटी मेरी बीवी की माँ ने भेजी थी।
दूसरा मंत्री - बीरबल जी मुझे कब्ज की शिकायत है ,मेरे हाकिम जी ने मुझे एक दवा दी थी। में उसका सेवन कर रहा हु। पर उस दवा का कोई असर नहीं है। पेट अभी भी गंदगी से भरा हुआ है। आपके पास इलाज है तो बता दे मुझे।
बीरबल - मेरे पास इलाज तो नहीं है। पर क्या आप उन वेद को दरबार में बुला सकते है।
दूसरा मंत्री - जी है ,उनका नाम मनोज डे है।
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अकबर मनोज डे को दरबार में बुलाने की आज्ञा देते है।
बीरबल - वैद्य जी में बहुत दिनों से परेशान हु बहुत दिनों से मुझे कब्ज की शिकायत है। आप मुझे कोई दवा दे ताकि मेरा पेट सांत हो।
मनोज डेय - जी चिंता ना करे में अपनी दवाई में कटहल का फल इस्तमाल करता हु। उसके सेवन से आपकी लैटरिंग सब बहार आ जायगी और आपका पेट भी आराम में रहेगा।
बीरबल - वेध जी पर कटहल का पेड़ हमे कहाँ पर मिलेगा।
मनोज डेय - जनाब एक कटहल के फल का पेड़ शहंशाह के बगीचे में है।
बीरबल- वेध जी में आपको एक मौका दूंगा। बिनोद के पैसे लोटा दे।
वेध - जनाब मुझे माफ़ करना में उसके पैसे वापिस कर दूंगा।
बीरबल - अकबर से विनती करते है। मनोज डेय को माफ़ कर दो उसकी सचाई के लिए।
बीरबल मनोज डेय से पैसा ले कर बिनोद को वापिस कर देते है।
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good story
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